मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

exploring mother nature in HP : Analyze and take the Decision

exploring mother nature in HP : Analyze and take the Decision: If Nationalist Then First Know, Analyze Then Decide  We got Independence in 1947 before that we were, प्रजां for thousands o...

Analyze and take the Decision


If Nationalist Then First Know, Analyze Then Decide 

We got Independence in 1947

before that we were,
प्रजां for thousands of years under king with no right,

then became

ग़ुलाम (Slave) for hundreds  of years with no identity,

but first time we became

नागरिक (citizen) of a land mass in 1948 after in incarnation of 

Constitution of India

with own Identity, Right, Duty and above all the owner of State.

Must Realize the fact that We the Citizen of India of all religion, Cast, Creed, are equal as per the Law of Land
The Constitution Of India.

If we are responsible citizen of India We must get out of this thought process of प्रजां anग़ुलाम which is based on the biased approach of Cast And Creed.
Apply your brain and know your identity and power.

Because As a Citizen We have power to create such a government who enforce the Law of Land 

INSTEAD OF CAST,CREED OR RELIGION





रविवार, 24 दिसंबर 2017





जय राम जय राम
 जय श्री राम 




माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश ,

आपको हार्दिक शुभकामनायें तथा मुबारक बाद। आपको आज इस पद पर देख कर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मुझे आज भी वो दिन जेहन में है जब आप मंडी कॉलेज में छात्र राजनीती में थे और आपकी अपने कार्य के प्रति निष्ठां तथा समर्पण को मैंने महसूस किया है।  आज जीवन के जिस पड़ाव में आपको ये जिम्मेदारी मिली है मैं जानता हूँ की इस ये समय आपके और प्रदेश दोनो के लिए महत्वपूर्ण  है।  

प्रदेश की जनता पिछले ७० वर्षों में 5 मुख्यमंत्रिओं के शाषन देख चुकी है और अब जिस तरह से देश ने करवट ली है हम सब केवल एक मात्र उम्मीद आपसे सब आप से रख रहें है जो की आपके स्वाभाव में है कि  "आम जनता की आप तक पहुँच रहे और जनता के प्रति आप संवेदनशील रह कर अपने प्रशाशनिक ढांचे को मजबूती से चलाएं "

यद्यपि मैं समझ सकता हूँ कि चुनौतियां काफी हैं परन्तु हिमाचल की जनता ये चाहती है कि आप प्रदेशहित में कुछ ऐसा करें जो की दूरगामी परिणाम दे सकें ताकि प्रदेश की भावी पीढ़ी का भविष्य संवर सके। 

प्रदेश की ७१ लाख की आबादी ये चाहती है की हिमाचल के करीब (निजी तथा सरकारी )17 इंजिनीरिंग कॉलेजों ,22 पॉलिटेक्निक कॉलेजों।, 89 सामान्य डिग्री कॉलेजों , 17  विष्वविद्यालयों ( तकनिकी तथा गैर तकनिकी ) , लगभग 90 नर्सिंग कॉलेजों  आदि से जो हर छह माह के बाद जो युवा पढ़ कर निकल रहे है उनके लिए कुछ ऐसा करें कि लाखों रूपये खर्च करने के बाद वे रोज़गार के लिए न भटकें। क्यूंकि ये ही कल का हिमाचल है और आपकी दूरदर्शिता और दूरगामी परिणाम देने वाली नीतियां ही उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकती है. 

"हिमाचल ही एक ऐसा राज्य है जहाँ राम राज्य अर्थात सबको समान रूप से बढ़ने के स्वप्न की सार्थकता को स्थापित कर सम्पूर्ण भारत को प्रेरित किया जा सकता है "

एक बार फिर आप को  इस पद  के लिए आपको हृदय से मुबारकबाद। 


पंकज शर्मा 
दाड़लाघाट 








मंगलवार, 8 अगस्त 2017

Need Of Any Human Being ............


"मैं जिंदगी हूँ" 
"आज आप मेरा रोना शायद नहीं सुन और कल शायद आप भी न रहें"

युद्ध डरपोक लोगों की सोच है 
सच्चा योद्धा केवल शांति के लिए कार्य करता है। 






हे भगवन मैं अपने  1,40000 पूर्वजों को ये कहना चाह
रहा हूँ की  अगर हम  नहीं समझे तो जल्दी ही  हम सब
स्वर्ग में मिलेंगे।
आप अफ़सोस न करें की जीने को नहीं मिला
क्यूंकि  यहाँ लोग जीना जानते ही नहीं।  




"धन्यवाद  पिताजी मुझे इस जगह लाने  के लिए अन्यथा मैं 
कभी नहीं जान पाती की हम मनुष्य केवल अपने दुश्मन हैं" 


न जाने हम जिंदगी छोड़ कर मरने की रह पर क्यों चल रहें है 
क्या चाहते हैं हम ?

पूरा विश्व आज एक ऐसी परिस्थिति में खड़ा किया जा चूका है की जहाँ किसी को जीने की इच्छा ही नहीं है 

हर कोई अमेरिका,इंग्लॅण्ड,रूस ,फ्रांस , ऑस्ट्रेलिया ,जर्मनी ,भारत ,चीन ,पाकिस्तान, कोरिया, ईरान, आदि उन सभी देशों के राजनेताओं  से मैं  ये जानना चाहता हूँ की क्या दुनिया अभी भी ये नहीं समझ पाई की 
दूसरे को डराने वाला वास्तव में खुद डरा हुआ होता है। 

मैं आज से 72 वर्ष पहले जो इस पृथ्वी पर घटा शायद हम या तो भूल गए हैं या दोबारा कुछ ऐसा करना चाह रहें हैं की ये दुनिया ही ख़त्म हो जाये 
 जो नहीं जानते या जिन्होंने उसे झेला  नहीं है तो मैं इन तस्वीरों के माध्यम से याद करवाना चाहता हूँ 
की यदि न समझे तो 

जिंदगी

हिरोशिमा 1945 परमाणु बम गिरने से पहले 



मौत 

हिरोशिमा 1945 परमाणु बम गिरने के बाद 
विचार करें क्या 1,40000 लोगों का क्या कसूर था?
क्या वो सब युद्ध चाहते थे ?



ये वो सिसकती जिंदगी है 
जिसका भविष्य शायद मौत से भी बदतर है 
जाने कितनी देर और तड़पना पड़े। 



माँआखिर मेरा कसूर क्या है ??????
मुझे नहीं पता बेटा ला मैं तेरे बाल बना दूँ जाने कब अलग हो जाएँ ?????



आज कोई तो है 
जो हमें याद कर रहा है 
पर हम तुम्हें आशीर्वाद भी नहीं दे सकते 
"जुग जुग जिओ"
क्यूंकि हम जानते हैं कि जल्दी ही तुम भी हमारी स्थिति में होगे। 

अगर समझ सको तो इतना जान लो  विनाश केवल नफरत  और भय  के कारण होता है 
जीवन के लिए केवल 
 प्रेम, सहिष्णुता,समानता करुणा,और त्याग 


जो कोई भी सर्वशक्तिमान होना चाहता है वर्चस्व स्थापित करना चाहता है 
वास्तव में वो विनाश का जनक है 



कृपया ध्यान दें और सभी विश्व शांति के लिए प्रयास करें 

भारतवासी ये कर सकते हैं क्यूंकि भारत में ही दुनिया के हर धर्म और नस्ल के लोग रहते है और सहिष्णुता के साथ रहते हैं। 


शनिवार, 29 जुलाई 2017

apne astitva ko jaane






दोस्तो ये जीवन खोने के लिए नहीं है 


अवसर आसमान आपका इंतज़ार कर रहा है 

क्या आपको लगता है की कोई भी आपकी भावनाओं को नहीं समझ रहा है ? 
इस लिए इस जीवन में अब कुछ भी शेष नहीं रह गया है ?

कहीं आप व्यर्थ के अवसाद अथवा तनाव का शिकार तो नहीं हो रहे ?
अपने से पीछे मुड़ कर तो देखो तुमसे बुरी परिस्थिति मं भी संघर्ष जारी है?
अपने को समाप्त कर लेने से समस्या का समाधान नहीं होता ?

भय किस बात का , छुपा क्या रहे हो, 
यहाँ सबका अस्तित्व क्षण भर का है 
परन्तु 
जन्म लेने का कोई मतलब है 
परिस्थिति से भागने से परिस्थिति कभी नहीं बदलती बल्कि परिस्थिति का धैर्यपूर्ण सामना कर के उसे बदला जा सकता है 

ईर्ष्या, द्वेष,असफलता,
के कारण  नशे की ओर  पदत्त होना कायरता है 




अगर आपको किसी भी समस्या का समाधान नहीं मिल रहा तो ये मान लें आपको किसी की आवश्यकता है ना की नशे की

कृपया मुझे अपनी सेवा का मौका दें शयद मैं आपके काम आ सकूँ 



9816060523


शनिवार, 22 जुलाई 2017

Re minder


चिट्टा  या  हीरोइन 


मेरा विश्वास करें ये दाड़ला में पांव पसार चुका  है 


ये जागने का समय है हमें अपने समाज को देखना और समझना चहिये 

"उत्तम शिक्षित अथवा अधिक धन अर्जित कर लेने से कोई समाज सभ्य नहीं हो सकता जब तक वो सुसंस्कृत नहीं होता "

मैंने अपने समाज रूपी इस परिवार का सदस्य  नाते अपना धर्म समझते हुए इस बुराई के विरुद्ध बोलना आवश्यक समझा। 

हो सकता है मेरे कुछ भाई भी इसके बारे में अवश्य जानते होंगे परन्तु चाय की दुकानों पर अथवा नुक्कड़ या चौराहों पर चिंतन करने से अच्छा तो ये है की हम अपनी जानकारी को समाज में साझा करें ताकि कोई गलत कदम न उठा ले। 
और अक्सर जैसा हम करते आये हैं 

"काश मैंने पहल कर दी होती तो शायद मैं उसे बचा सकता था" 
"नशा मुक्त रहें,अच्छा बनें "
मदद के लिए 
9816060523
 भाईयो अगर आप इस ओर जा रहे हो  या किसी को जाते देख रहे हो तो कृपया याद रखें 
ये रास्ता न आपके लिए है न ही किसी और के लिए 
आपका जीवन बहुमूल्य है इसे बर्बाद न होने दें 
अगर आपकी कोई भी समस्या है जीसका हल आपके पास नहीं हैं तो कृपया एक बार मुझे मौका दें
 हो सकता है मैं आपके काम आ सकूं 
आप नहीं जानते आप की आपके परिवार, समाज और उससे बढ कर  कहीं अधिक इस देश को आपकी आवश्यकता है। 
अपनी कीमत समझें 
"नशा किसी भी समस्या का हल नहीं होता अन्यथा समस्याओं को हल करने के लिए और किसी वस्तु की आवश्यकता ही न होती" 

अगर आपके आस पास या किसी मित्र, भाई, बहन , अथवा बच्चों के पास ऐसा कुछ देखें तो अवश्य जानने की कोशिश करें :

22जुलाई 2017 को मैने अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझते हुए इसे पोस्ट किया था। तब किसी ने शायद मेरे इस लेख को अधिक महत्व नहीं दिया। ये स्थिति भयंकर परिणाम ला सकती है । किसी का भी जीवन चाहे उसका हमारे साथ सम्बन्ध हो न हो समाज के लिए देश के लिए बहूमूल्य है ।
घर के पास लगी आग को अनदेखा कर सो जाएंगे तो याद रखें उस आग में हमारा घर जलना भी निश्चित है ।
अतः निवेदन है कि मेरे इस प्रयास में सहयोग दें
कृप्या इसे अवश्य बांटें यही हमारी सम्पत्ति को संरक्षित

Pankaj sharma
9816060523
iqsolutions00@gmail.com