मंगलवार, 8 अगस्त 2017

Need Of Any Human Being ............


"मैं जिंदगी हूँ" 
"आज आप मेरा रोना शायद नहीं सुन और कल शायद आप भी न रहें"

युद्ध डरपोक लोगों की सोच है 
सच्चा योद्धा केवल शांति के लिए कार्य करता है। 






हे भगवन मैं अपने  1,40000 पूर्वजों को ये कहना चाह
रहा हूँ की  अगर हम  नहीं समझे तो जल्दी ही  हम सब
स्वर्ग में मिलेंगे।
आप अफ़सोस न करें की जीने को नहीं मिला
क्यूंकि  यहाँ लोग जीना जानते ही नहीं।  




"धन्यवाद  पिताजी मुझे इस जगह लाने  के लिए अन्यथा मैं 
कभी नहीं जान पाती की हम मनुष्य केवल अपने दुश्मन हैं" 


न जाने हम जिंदगी छोड़ कर मरने की रह पर क्यों चल रहें है 
क्या चाहते हैं हम ?

पूरा विश्व आज एक ऐसी परिस्थिति में खड़ा किया जा चूका है की जहाँ किसी को जीने की इच्छा ही नहीं है 

हर कोई अमेरिका,इंग्लॅण्ड,रूस ,फ्रांस , ऑस्ट्रेलिया ,जर्मनी ,भारत ,चीन ,पाकिस्तान, कोरिया, ईरान, आदि उन सभी देशों के राजनेताओं  से मैं  ये जानना चाहता हूँ की क्या दुनिया अभी भी ये नहीं समझ पाई की 
दूसरे को डराने वाला वास्तव में खुद डरा हुआ होता है। 

मैं आज से 72 वर्ष पहले जो इस पृथ्वी पर घटा शायद हम या तो भूल गए हैं या दोबारा कुछ ऐसा करना चाह रहें हैं की ये दुनिया ही ख़त्म हो जाये 
 जो नहीं जानते या जिन्होंने उसे झेला  नहीं है तो मैं इन तस्वीरों के माध्यम से याद करवाना चाहता हूँ 
की यदि न समझे तो 

जिंदगी

हिरोशिमा 1945 परमाणु बम गिरने से पहले 



मौत 

हिरोशिमा 1945 परमाणु बम गिरने के बाद 
विचार करें क्या 1,40000 लोगों का क्या कसूर था?
क्या वो सब युद्ध चाहते थे ?



ये वो सिसकती जिंदगी है 
जिसका भविष्य शायद मौत से भी बदतर है 
जाने कितनी देर और तड़पना पड़े। 



माँआखिर मेरा कसूर क्या है ??????
मुझे नहीं पता बेटा ला मैं तेरे बाल बना दूँ जाने कब अलग हो जाएँ ?????



आज कोई तो है 
जो हमें याद कर रहा है 
पर हम तुम्हें आशीर्वाद भी नहीं दे सकते 
"जुग जुग जिओ"
क्यूंकि हम जानते हैं कि जल्दी ही तुम भी हमारी स्थिति में होगे। 

अगर समझ सको तो इतना जान लो  विनाश केवल नफरत  और भय  के कारण होता है 
जीवन के लिए केवल 
 प्रेम, सहिष्णुता,समानता करुणा,और त्याग 


जो कोई भी सर्वशक्तिमान होना चाहता है वर्चस्व स्थापित करना चाहता है 
वास्तव में वो विनाश का जनक है 



कृपया ध्यान दें और सभी विश्व शांति के लिए प्रयास करें 

भारतवासी ये कर सकते हैं क्यूंकि भारत में ही दुनिया के हर धर्म और नस्ल के लोग रहते है और सहिष्णुता के साथ रहते हैं। 


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