शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

तार्रुफ़









तार्रुफ़ 

बंदा एक लफ्ज नहीं  एक तार्रुफ़ है 
खुदा के बनाये सब बुतों के लिए। 
ये बुत बनाया है उसने  इस तार्रुफ़ के साथ 
बंदगी के लिए। 

बंदा फक्त लफ्ज रह गया है आज  
खुदा के वास्ते कोई तो इसका  इससे तार्रुफ़ करवाए 
मकबूलियत की ख्वाहिश को छोड़ नामाकूल 
बंदा बन और बंदगी कर 
अपने तार्रुफ़ के लिए।   
 


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